yajurveda/8/61
ऋषिः - वसिष्ठ ऋषिः
देवता - विश्वेदेवा देवताः
छन्दः - ब्राह्मी उष्णिक्,
स्वरः - ऋषभः
चतु॑स्त्रिꣳश॒दिति॒ चतुः॑ऽत्रिꣳशत्। तन्त॑वः। ये। वि॒त॒त्नि॒र इति॑ विऽतत्नि॒रे। ये। इ॒मम्। य॒ज्ञम्। स्व॒धया॑। दद॑न्ते। तेषा॑म्। छि॒न्नम्। सम्। ऊँ॒ऽइत्यूँ॑। ए॒तत्। द॒धा॒मि॒। स्वाहा॑। घ॒र्मः। अपि॑। ए॒तु॒। दे॒वान् ॥६१॥
चतुस्त्रिꣳशदिति चतुःऽत्रिꣳशत्। तन्तवः। ये। वितत्निर इति विऽतत्निरे। ये। इमम्। यज्ञम्। स्वधया। ददन्ते। तेषाम्। छिन्नम्। सम्। ऊँऽइत्यूँ। एतत्। दधामि। स्वाहा। घर्मः। अपि। एतु। देवान् ॥६१॥