ऋषिः - देवा ऋषयः
देवता - गृहपतयो देवताः
छन्दः - आर्षी अनुष्टुप्आसुरी उष्णिक्,प्राजापत्या बृहती,विराट प्राजापत्या पङ्क्ति
स्वरः - गान्धारः, ऋषणः, मध्यमः, पञ्चमः
यु॒वम्। तम्। इ॒न्द्रा॒पर्व॒ता॒। पु॒रो॒युधेति॑ पुरः॒युधा॑। यः। नः॒। पृ॒त॒न्यात् अप॑। तन्त॒मिति॒ तम्ऽत॑म्। इत्। ह॒त॒म्। वज्रे॑ण। तन्त॒मिति॒ तम्ऽत॑म्। इत्। ह॒त॒म्। दू॒रे। च॒त्ताय॑। छ॒न्त्स॒त्। गह॑नम्। यत्। इन॑क्षत्। अ॒स्माक॑म्। शत्रू॑न्। परि॒। शू॒र॒। वि॒श्वतः॑। द॒र्म्मा। द॒र्षी॒ष्ट॒। वि॒श्वतः॑। भुरिति॒ भूः। भुव॒रि॒ति॒ भु॑वः। स्व᳖रिति॒ स्वः॑। सु॒प्र॒जा इति॑ सुऽप्र॒जाः। प्र॒जाभिः॑। स्या॒म॒। सु॒वीरा॒ इति॑ सु॒ऽवीराः॑। वी॒रैः। सु॒पोषा॒ इति॑ सु॒ऽपोषाः॑। पोषैः॑ ॥५३॥
युवम्। तम्। इन्द्रापर्वता। पुरोयुधेति पुरःयुधा। यः। नः। पृतन्यात् अप। तन्तमिति तम्ऽतम्। इत्। हतम्। वज्रेण। तन्तमिति तम्ऽतम्। इत्। हतम्। दूरे। चत्ताय। छन्त्सत्। गहनम्। यत्। इनक्षत्। अस्माकम्। शत्रून्। परि। शूर। विश्वतः। दर्म्मा। दर्षीष्ट। विश्वतः। भुरिति भूः। भुवरिति भुवः। स्व᳖रिति स्वः। सुप्रजा इति सुऽप्रजाः। प्रजाभिः। स्याम। सुवीरा इति सुऽवीराः। वीरैः। सुपोषा इति सुऽपोषाः। पोषैः ॥५३॥