yajurveda/5/4
ऋषिः - गोतम ऋषिः
देवता - अग्निर्देवता
छन्दः - आर्षी त्रिष्टुप्
स्वरः - धैवतः
अ॒ग्नौ। अ॒ग्निः। च॒र॒ति॒। प्रविष्ट॑ इति॒ प्रऽवि॒ष्टः। ऋषी॑णाम्। पु॒त्रः। अ॒भि॒श॒स्ति॒पावेत्य॑भिशस्ति॒ऽपावा॑। सः। नः॒। स्यो॒नः। सु॒यजेति॑ सु॒ऽयजा॑। य॒ज॒। इ॒ह। दे॒वेभ्यः॑। ह॒व्यम्। सद॑म्। अप्र॑युच्छ॒न्नित्यप्र॑ऽयुच्छन्। स्वाहा॑ ॥४॥
अग्नौ। अग्निः। चरति। प्रविष्ट इति प्रऽविष्टः। ऋषीणाम्। पुत्रः। अभिशस्तिपावेत्यभिशस्तिऽपावा। सः। नः। स्योनः। सुयजेति सुऽयजा। यज। इह। देवेभ्यः। हव्यम्। सदम्। अप्रयुच्छन्नित्यप्रऽयुच्छन्। स्वाहा ॥४॥