yajurveda/36/16

तस्मा॒ऽ अरं॑ गमाम वो॒ यस्य॒ क्षया॑य॒ जिन्व॑थ।आपो॑ ज॒नय॑था च नः॥१६॥

तस्मै॑। अर॑म्। ग॒मा॒म॒। वः॒। यस्य॑। क्षया॑य। जिन्व॑थ ॥ आपः॑। ज॒नय॑थ। च॒। नः॒ ॥१६ ॥

ऋषिः - सिन्धुद्वीप ऋषिः

देवता - आपो देवताः

छन्दः - गायत्री

स्वरः - षड्जः

स्वर सहित मन्त्र

तस्मा॒ऽ अरं॑ गमाम वो॒ यस्य॒ क्षया॑य॒ जिन्व॑थ।आपो॑ ज॒नय॑था च नः॥१६॥

स्वर सहित पद पाठ

तस्मै॑। अर॑म्। ग॒मा॒म॒। वः॒। यस्य॑। क्षया॑य। जिन्व॑थ ॥ आपः॑। ज॒नय॑थ। च॒। नः॒ ॥१६ ॥


स्वर रहित मन्त्र

तस्माऽ अरं गमाम वो यस्य क्षयाय जिन्वथ।आपो जनयथा च नः॥१६॥


स्वर रहित पद पाठ

तस्मै। अरम्। गमाम। वः। यस्य। क्षयाय। जिन्वथ ॥ आपः। जनयथ। च। नः ॥१६ ॥