yajurveda/33/88
ऋषिः - वसिष्ठ ऋषिः
देवता - अश्विनौ देवते
छन्दः - निचृद् बृहती
स्वरः - मध्यमः
आ। या॒त॒म्। उप॑। भू॒ष॒त॒म्। मध्वः॑। पि॒ब॒त॒म्। अ॒श्वि॒ना॒ ॥ दु॒ग्धम्। पयः॑। वृ॒ष॒णा॒। जे॒न्या॒व॒सू॒ इति॑ जेन्याऽवसू। मा। नः॒। म॒र्धि॒ष्ट॒म्। आ। ग॒त॒म्। ॥८८ ॥
आ। यातम्। उप। भूषतम्। मध्वः। पिबतम्। अश्विना ॥ दुग्धम्। पयः। वृषणा। जेन्यावसू इति जेन्याऽवसू। मा। नः। मर्धिष्टम्। आ। गतम्। ॥८८ ॥