yajurveda/33/39

बण्म॒हाँ२ऽअ॑सि सूर्य्य॒ बडा॑दित्य म॒हाँ२अ॑सि।म॒हस्ते॑ स॒तो म॑हि॒मा प॑नस्यते॒ऽद्धा दे॑व म॒हाँ२ऽअ॑सि॥३९॥

बट्। म॒हान्। अ॒सि॒। सू॒र्य्य। बट्। आ॒दि॒त्य॒। म॒हान्। अ॒सि॒ ॥ म॒हः। ते। स॒तः। म॒हि॒मा। प॒न॒स्य॒ते॒। अ॒द्धा। दे॒व॒। म॒हान्। अ॒सि॒ ॥३९ ॥

ऋषिः - जमदग्निर्ऋषिः

देवता - विश्वेदेवा देवताः

छन्दः - विराड् बृहती

स्वरः - मध्यमः

स्वर सहित मन्त्र

बण्म॒हाँ२ऽअ॑सि सूर्य्य॒ बडा॑दित्य म॒हाँ२अ॑सि।म॒हस्ते॑ स॒तो म॑हि॒मा प॑नस्यते॒ऽद्धा दे॑व म॒हाँ२ऽअ॑सि॥३९॥

स्वर सहित पद पाठ

बट्। म॒हान्। अ॒सि॒। सू॒र्य्य। बट्। आ॒दि॒त्य॒। म॒हान्। अ॒सि॒ ॥ म॒हः। ते। स॒तः। म॒हि॒मा। प॒न॒स्य॒ते॒। अ॒द्धा। दे॒व॒। म॒हान्। अ॒सि॒ ॥३९ ॥


स्वर रहित मन्त्र

बण्महाँ२ऽअसि सूर्य्य बडादित्य महाँ२असि।महस्ते सतो महिमा पनस्यतेऽद्धा देव महाँ२ऽअसि॥३९॥


स्वर रहित पद पाठ

बट्। महान्। असि। सूर्य्य। बट्। आदित्य। महान्। असि ॥ महः। ते। सतः। महिमा। पनस्यते। अद्धा। देव। महान्। असि ॥३९ ॥