yajurveda/32/9
ऋषिः - स्वयम्भु ब्रह्म ऋषिः
देवता - विद्वान् देवता
छन्दः - निचृत त्रिष्टुप्
स्वरः - धैवतः
प्र। तत्। वो॒चे॒त्। अ॒मृत॑म्। नु। वि॒द्वान्। ग॒न्ध॒र्वः। धाम॑। विभृ॑त॒मिति॒ विऽभृ॑तम्। गुहा॑। सत् ॥ त्रीणि॑। प॒दानि॑। निहि॒तेति॒ निऽहि॑ता। गुहा॑। अ॒स्य॒। यः। तानि॑। वेद॑। सः। पि॒तुः। पि॒ता। अ॒स॒त् ॥९ ॥
प्र। तत्। वोचेत्। अमृतम्। नु। विद्वान्। गन्धर्वः। धाम। विभृतमिति विऽभृतम्। गुहा। सत् ॥ त्रीणि। पदानि। निहितेति निऽहिता। गुहा। अस्य। यः। तानि। वेद। सः। पितुः। पिता। असत् ॥९ ॥