yajurveda/28/38
ऋषिः - सरस्वत्यृषिः
देवता - इन्द्रो देवता
छन्दः - भुरिगतिजगती
स्वरः - निषादः
दे॒वीऽइति॑ दे॒वी। जोष्ट्री॒ऽइति॑ जोष्ट्री॑। वसु॑धिती॒ इति॒ वसु॑ऽधिती। दे॒वम्। इन्द्र॑म्। व॒यो॒धस॒मिति॑ वयः॒ऽधस॑म्। दे॒वीऽइति॑ दे॒वी। दे॒वम्। अ॒व॒र्ध॒ता॒म्। बृ॒ह॒त्या। छन्द॑सा। इ॒न्द्रि॒यम्। श्रोत्र॑म्। इन्द्रे॑। वयः॑। दध॑त्। व॒सु॒वन॒ इति॑ वसु॒ऽवने॑। व॒सु॒धेय॒स्येति॑ वसु॒ऽधेय॑स्य। वी॒ता॒म्। यज॑ ॥३८ ॥
देवीऽइति देवी। जोष्ट्रीऽइति जोष्ट्री। वसुधिती इति वसुऽधिती। देवम्। इन्द्रम्। वयोधसमिति वयःऽधसम्। देवीऽइति देवी। देवम्। अवर्धताम्। बृहत्या। छन्दसा। इन्द्रियम्। श्रोत्रम्। इन्द्रे। वयः। दधत्। वसुवन इति वसुऽवने। वसुधेयस्येति वसुऽधेयस्य। वीताम्। यज ॥३८ ॥