yajurveda/27/44
ऋषिः - शंयुर्ऋषिः
देवता - वायुर्देवता
छन्दः - स्वराड्बृहती
स्वरः - मध्यमः
ऊ॒र्जः। नपा॑तम्। सः। हि॒न। अ॒यम्। अ॒स्म॒युरित्य॑स्म॒ऽयुः। दाशे॑म। ह॒व्यदा॑तय॒ इति॑ ह॒व्यऽदा॑तये। भुव॑त्। वाजे॑षु। अ॒वि॒ता। भुव॑त्। वृ॒धे। उ॒त। त्रा॒ता। त॒नूना॑म् ॥४४ ॥
ऊर्जः। नपातम्। सः। हिन। अयम्। अस्मयुरित्यस्मऽयुः। दाशेम। हव्यदातय इति हव्यऽदातये। भुवत्। वाजेषु। अविता। भुवत्। वृधे। उत। त्राता। तनूनाम् ॥४४ ॥