yajurveda/23/8
ऋषिः - प्रजापतिर्ऋषिः
देवता - वाय्वादयो देवताः
छन्दः - निचृदत्यष्टिः
स्वरः - गान्धारः
वस॑वः। त्वा॒। अ॒ञ्ज॒न्तु॒। गा॒य॒त्रेण॑। छन्द॑सा। रु॒द्राः। त्वा॒। अ॒ञ्ज॒न्तु॒। त्रैष्टु॑भेन। त्रैस्तु॑भे॒नति॒ त्रैऽस्तु॑भेन। छन्द॑सा। आ॒दि॒त्याः। त्वा॒। अ॒ञ्ज॒न्तु॒। जाग॑तेन। छन्द॑सा। भूः। भुवः॑। स्वः॑। लाजी३न्। शाची३न्। यव्ये॑। गव्ये॑। ए॒तत्। अन्न॑म्। अ॒त्त॒। दे॒वाः॒। ए॒तत्। अन्न॑म्। अ॒द्धि॒। प्र॒जा॒प॒त॒ इति॑ प्रजाऽपते ॥८ ॥
वसवः। त्वा। अञ्जन्तु। गायत्रेण। छन्दसा। रुद्राः। त्वा। अञ्जन्तु। त्रैष्टुभेन। त्रैस्तुभेनति त्रैऽस्तुभेन। छन्दसा। आदित्याः। त्वा। अञ्जन्तु। जागतेन। छन्दसा। भूः। भुवः। स्वः। लाजी३न्। शाची३न्। यव्ये। गव्ये। एतत्। अन्नम्। अत्त। देवाः। एतत्। अन्नम्। अद्धि। प्रजापत इति प्रजाऽपते ॥८ ॥