yajurveda/23/51
ऋषिः - प्रजापतिर्ऋषिः
देवता - पुरुषेश्वरो देवता
छन्दः - पङ्क्तिः
स्वरः - पञ्चमः
केषु॑। अ॒न्तरित्य॒न्तः। पुरु॑षः। आ। वि॒वे॒श॒। कानि॑। अ॒न्तरित्य॒न्तः। पुरु॑षे। अर्पि॑तानि। ए॒तत्। ब्र॒ह्म॒न्। उप॑। व॒ल्हा॒म॒सि॒। त्वा॒। किम्। स्वि॒त्। नः॒। प्रति॑। वो॒चा॒सि॒। अत्र॑ ॥५१ ॥
केषु। अन्तरित्यन्तः। पुरुषः। आ। विवेश। कानि। अन्तरित्यन्तः। पुरुषे। अर्पितानि। एतत्। ब्रह्मन्। उप। वल्हामसि। त्वा। किम्। स्वित्। नः। प्रति। वोचासि। अत्र ॥५१ ॥