yajurveda/22/2
ऋषिः - प्रजापतिर्ऋषिः
देवता - विद्वांसो देवता
छन्दः - निचृत् त्रिष्टुप्
स्वरः - धैवतः
इ॒माम्। अ॒गृ॒भ्ण॒न्। र॒श॒नाम्। ऋ॒तस्य॑। पूर्वे॑। आयु॑षि। वि॒दथे॑षु। क॒व्या। सा। नः॒। अ॒स्मिन्। सु॒ते। आ। ब॒भू॒व॒। ऋ॒तस्य॑। साम॑न्। स॒रम्। आ॒रप॒न्तीत्या॒ऽरप॑न्ती ॥२ ॥
इमाम्। अगृभ्णन्। रशनाम्। ऋतस्य। पूर्वे। आयुषि। विदथेषु। कव्या। सा। नः। अस्मिन्। सुते। आ। बभूव। ऋतस्य। सामन्। सरम्। आरपन्तीत्याऽरपन्ती ॥२ ॥