yajurveda/21/47
ऋषिः - स्वस्त्यात्रेय ऋषिः
देवता - अश्व्यादयो देवताः
छन्दः - भुरिगाकृतिः
स्वरः - पञ्चमः
होता॑। य॒क्ष॒त्। अ॒ग्निम्। स्वि॒ष्ट॒कृत॒मिति॑ स्विष्ट॒ऽकृत॑म्। अया॑ट्। अ॒ग्निः। अ॒श्विनोः॑। छाग॑स्य। ह॒विषः॑। प्रि॒या। धामा॑नि। अया॑ट्। सर॑स्वत्याः। मे॒षस्य॑। ह॒विषः॑। प्रि॒या। धामा॑नि। अया॑ट्। इन्द्र॑स्य। ऋ॒ष॒भस्य॑। ह॒विषः॑। प्रि॒या। धामा॑नि। अया॑ट्। अ॒ग्नेः। प्रि॒या। धामा॑नि। अया॑ट्। सोम॑स्य। प्रि॒या। धामा॑नि। अया॑ट्। इन्द्र॑स्य। सु॒त्राम्ण॒ इति॑ सु॒ऽत्राम्णः॑। प्रि॒या। धामा॑नि। अया॑ट्। स॒वि॒तुः प्रि॒या। धामा॑नि। अया॑ट्। वरु॑णस्य। प्रि॒या। धामा॑नि। अया॑ट्। वन॒स्पतेः॑। प्रि॒या। पाथा॑सि। अया॑ट्। दे॒वाना॑म्। आ॒ज्य॒पाना॒मित्या॑ज्य॒ऽपाना॑म्। प्रि॒या। धामा॑नि। यक्ष॑त्। अ॒ग्नेः। होतुः॑। प्रि॒या। धामा॑नि। य॒क्ष॒त्। स्वम्। म॒हि॒मान॑म्। आ। य॒ज॒ता॒म्। एज्या॒ इत्या॒ऽइज्याः॑। इषः॑। कृ॒णोतु॑। सः। अ॒ध्व॒रा। जा॒तवे॑दा॒ इति॑ जा॒तऽवे॑दाः। जु॒षता॑म्। ह॒विः। होतः॑। यज॑ ॥४७ ॥
होता। यक्षत्। अग्निम्। स्विष्टकृतमिति स्विष्टऽकृतम्। अयाट्। अग्निः। अश्विनोः। छागस्य। हविषः। प्रिया। धामानि। अयाट्। सरस्वत्याः। मेषस्य। हविषः। प्रिया। धामानि। अयाट्। इन्द्रस्य। ऋषभस्य। हविषः। प्रिया। धामानि। अयाट्। अग्नेः। प्रिया। धामानि। अयाट्। सोमस्य। प्रिया। धामानि। अयाट्। इन्द्रस्य। सुत्राम्ण इति सुऽत्राम्णः। प्रिया। धामानि। अयाट्। सवितुः प्रिया। धामानि। अयाट्। वरुणस्य। प्रिया। धामानि। अयाट्। वनस्पतेः। प्रिया। पाथासि। अयाट्। देवानाम्। आज्यपानामित्याज्यऽपानाम्। प्रिया। धामानि। यक्षत्। अग्नेः। होतुः। प्रिया। धामानि। यक्षत्। स्वम्। महिमानम्। आ। यजताम्। एज्या इत्याऽइज्याः। इषः। कृणोतु। सः। अध्वरा। जातवेदा इति जातऽवेदाः। जुषताम्। हविः। होतः। यज ॥४७ ॥