yajurveda/20/83
ऋषिः - गृत्समद ऋषिः
देवता - अश्विनौ देवते
छन्दः - निचृद्गायत्री
स्वरः - षड्जः
ता। नः॒। आ। वो॒ढ॒म्। अ॒श्वि॒ना॒। र॒यिम्। पि॒शङ्ग॑सन्दृश॒मिति॑ पि॒शङ्ग॑ऽसंदृशम्। धिष्ण्या॑। व॒रि॒वो॒विद॒मिति॑ वरिवः॒ऽविद॑म् ॥८३ ॥
ता। नः। आ। वोढम्। अश्विना। रयिम्। पिशङ्गसन्दृशमिति पिशङ्गऽसंदृशम्। धिष्ण्या। वरिवोविदमिति वरिवःऽविदम् ॥८३ ॥