yajurveda/20/7

बा॒हू मे॒ बल॑मिन्द्रि॒यꣳ हस्तौ॑ मे॒ कर्म॑ वी॒र्यम्। आ॒त्मा क्ष॒त्रमुरो॒ मम॑॥७॥

बा॒हूऽइति॑ बा॒हू। मे॒। बल॑म्। इ॒न्द्रि॒यम्। हस्तौ॑। मे॒। कर्म॑। वी॒र्य᳖म्। आ॒त्मा। क्ष॒त्रम्। उरः॑। मम॑ ॥७ ॥

ऋषिः - प्रजापतिर्ऋषिः

देवता - राजा देवता

छन्दः - निचृद गायत्री

स्वरः - षड्जः

स्वर सहित मन्त्र

बा॒हू मे॒ बल॑मिन्द्रि॒यꣳ हस्तौ॑ मे॒ कर्म॑ वी॒र्यम्। आ॒त्मा क्ष॒त्रमुरो॒ मम॑॥७॥

स्वर सहित पद पाठ

बा॒हूऽइति॑ बा॒हू। मे॒। बल॑म्। इ॒न्द्रि॒यम्। हस्तौ॑। मे॒। कर्म॑। वी॒र्य᳖म्। आ॒त्मा। क्ष॒त्रम्। उरः॑। मम॑ ॥७ ॥


स्वर रहित मन्त्र

बाहू मे बलमिन्द्रियꣳ हस्तौ मे कर्म वीर्यम्। आत्मा क्षत्रमुरो मम॥७॥


स्वर रहित पद पाठ

बाहूऽइति बाहू। मे। बलम्। इन्द्रियम्। हस्तौ। मे। कर्म। वीर्य᳖म्। आत्मा। क्षत्रम्। उरः। मम ॥७ ॥