yajurveda/20/25
ऋषिः - अश्वतराश्विर्ऋषिः
देवता - अग्निर्देवता
छन्दः - अनुष्टुप्
स्वरः - गान्धारः
यत्र॑। ब्रह्म॑। च॒। क्ष॒त्रम्। च॒। स॒म्यञ्चौ॑। चर॑तः। स॒ह। तम्। लो॒कम्। पुण्य॑म्। प्र। ज्ञे॒ष॒म्। यत्र॑। दे॒वाः। स॒ह। अ॒ग्निना॑ ॥२५ ॥
यत्र। ब्रह्म। च। क्षत्रम्। च। सम्यञ्चौ। चरतः। सह। तम्। लोकम्। पुण्यम्। प्र। ज्ञेषम्। यत्र। देवाः। सह। अग्निना ॥२५ ॥