yajurveda/20/23
ऋषिः - प्रजापतिर्ऋषिः
देवता - समिद्देवता
छन्दः - स्वराडतिशक्वरी
स्वरः - पञ्चमः
एधः॑। अ॒सि॒। ए॒धि॒षी॒महि॑। स॒मिदिति॑ स॒म्ऽइत्। अ॒सि॒। तेजः॑। अ॒सि॒। तेजः॑। मयि॑। धे॒हि॒। स॒माव॑व॒र्तीति॑ स॒म्ऽआव॑वर्ति। पृ॒थि॒वी। सम्। उ॒षाः। सम्। ऊँ॒ऽइत्यूँ॑। सूर्यः॑। सम्। ऊँ॒ऽइत्यूँ॑। विश्व॑म्। इ॒दम्। जग॑त्। वै॒श्वा॒न॒रज्यो॑ति॒रिति॑ वैश्वान॒रऽज्यो॑तिः। भू॒या॒स॒म्। वि॒भूनिति॑ वि॒ऽभून्। कामा॑न्। वि। अ॒श्न॒वै॒। भूः। स्वाहा॑ ॥२३ ॥
एधः। असि। एधिषीमहि। समिदिति सम्ऽइत्। असि। तेजः। असि। तेजः। मयि। धेहि। समाववर्तीति सम्ऽआववर्ति। पृथिवी। सम्। उषाः। सम्। ऊँऽइत्यूँ। सूर्यः। सम्। ऊँऽइत्यूँ। विश्वम्। इदम्। जगत्। वैश्वानरज्योतिरिति वैश्वानरऽज्योतिः। भूयासम्। विभूनिति विऽभून्। कामान्। वि। अश्नवै। भूः। स्वाहा ॥२३ ॥