yajurveda/20/17
ऋषिः - प्रजापतिर्ऋषिः
देवता - लिङ्गोक्ता देवताः
छन्दः - भुरिक् त्रिष्टुप्
स्वरः - धैवतः
यत्। ग्रामे। यत्। अर॑ण्ये। यत्। स॒भाया॑म्। यत्। इ॒न्द्रि॒ये। यत्। शू॒द्रे। यत्। अर्ये॑। यत्। एनः॑। च॒कृ॒म। व॒यम्। यत्। एक॑स्य। अधि॑। धर्म॑णि। तस्य॑। अ॒व॒यज॑न॒मित्य॑व॒ऽयज॑नम्। अ॒सि॒ ॥१७ ॥
यत्। ग्रामे। यत्। अरण्ये। यत्। सभायाम्। यत्। इन्द्रिये। यत्। शूद्रे। यत्। अर्ये। यत्। एनः। चकृम। वयम्। यत्। एकस्य। अधि। धर्मणि। तस्य। अवयजनमित्यवऽयजनम्। असि ॥१७ ॥