yajurveda/2/15
ऋषिः - परमेष्ठी प्रजापतिर्ऋषिः
देवता - अग्नीषोमौ देवते
छन्दः - ब्राह्मी बृहती,निचृत् अतिजगती,
स्वरः - मध्यमः, निषाद
अ॒ग्नीषोम॑योः। उज्जि॑ति॒मित्युत्ऽजि॑तिम्। अनु॑। उत्। जे॒ष॒म्। वाज॑स्य। मा॒ प्र॒स॒वेनेति॑ प्रऽस॒वेन॑। प्र। ऊ॒हा॒मि॒। अ॒ग्नीषोमौ॑। तम्। अप॑। नु॒द॒ता॒म्। यः। अ॒स्मान्। द्वेष्टि॑। यम्। च॒। व॒यम्। द्वि॒ष्मः। वाज॑स्य। ए॒न॒म्। प्र॒स॒वेनेति॑ प्रऽस॒वेन॑। अप॑। ऊ॒हा॒मि। इ॒न्द्रा॒ग्न्योः। उज्जि॑ति॒मित्युत्ऽजि॑तिम्। अनु॑। उत्। जे॒ष॒म्। वाज॑स्य। मा। प्र॒स॒वेनेति॑ प्रऽस॒वेन॑। प्र। ऊ॒हा॒मि॒। इ॒न्द्रा॒ग्नीऽइती॑न्द्रा॒ग्नी। तम्। अप॑। नु॒द॒ता॒म्। यः। अ॒स्मान्। द्वेष्टि॑। यम्। च॒। व॒यम्। द्वि॒ष्मः। वाज॑स्य। ए॒न॒म्। प्र॒स॒वेनेति॑ प्रऽस॒वेन॑। अप॑। ऊ॒हा॒मि॒ ॥१५॥
अग्नीषोमयोः। उज्जितिमित्युत्ऽजितिम्। अनु। उत्। जेषम्। वाजस्य। मा प्रसवेनेति प्रऽसवेन। प्र। ऊहामि। अग्नीषोमौ। तम्। अप। नुदताम्। यः। अस्मान्। द्वेष्टि। यम्। च। वयम्। द्विष्मः। वाजस्य। एनम्। प्रसवेनेति प्रऽसवेन। अप। ऊहामि। इन्द्राग्न्योः। उज्जितिमित्युत्ऽजितिम्। अनु। उत्। जेषम्। वाजस्य। मा। प्रसवेनेति प्रऽसवेन। प्र। ऊहामि। इन्द्राग्नीऽइतीन्द्राग्नी। तम्। अप। नुदताम्। यः। अस्मान्। द्वेष्टि। यम्। च। वयम्। द्विष्मः। वाजस्य। एनम्। प्रसवेनेति प्रऽसवेन। अप। ऊहामि ॥१५॥