yajurveda/19/15
ऋषिः - हैमवर्चिर्ऋषिः
देवता - सोमो देवता
छन्दः - अनुष्टुप्
स्वरः - गान्धारः
सोम॑स्य। रू॒पम्। क्री॒तस्य॑। प॒रि॒स्रुदिति॑ परि॒ऽस्रुत्। परि॑। सि॒च्य॒ते॒। अ॒श्विभ्या॒मित्य॒श्विऽभ्या॑म्। दु॒ग्धम्। भे॒ष॒जम्। इन्द्रा॑य। ऐ॒न्द्रम्। सर॑स्वत्या ॥१५ ॥
सोमस्य। रूपम्। क्रीतस्य। परिस्रुदिति परिऽस्रुत्। परि। सिच्यते। अश्विभ्यामित्यश्विऽभ्याम्। दुग्धम्। भेषजम्। इन्द्राय। ऐन्द्रम्। सरस्वत्या ॥१५ ॥