yajurveda/17/25
ऋषिः - भुवनपुत्रो विश्वकर्मा ऋषिः
देवता - विश्वकर्मा देवता
छन्दः - आर्षी त्रिष्टुप्
स्वरः - धैवतः
चक्षु॑षः। पि॒ता। मन॑सा। हि। धीरः॑। घृ॒तम्। ए॒न॒ऽइत्ये॑ने। अ॒ज॒न॒त्। नम्न॑माने॒ऽइति॒ नम्न॑माने। य॒दा। इत्। अन्ताः॑। अद॑दृहन्त। पूर्वें॑। आत्। इत्। द्यावा॑पृथि॒वी। अ॒प्र॒थे॒ता॒म् ॥२५ ॥
चक्षुषः। पिता। मनसा। हि। धीरः। घृतम्। एनऽइत्येने। अजनत्। नम्नमानेऽइति नम्नमाने। यदा। इत्। अन्ताः। अददृहन्त। पूर्वें। आत्। इत्। द्यावापृथिवी। अप्रथेताम् ॥२५ ॥