yajurveda/16/31

नम॑ऽआ॒शवे॑ चाजि॒राय॑ च॒ नमः॒ शीघ्र्या॑य च॒ शीभ्या॑य च॒ नम॒ऽऊर्म्या॑य चावस्व॒न्याय च॒ नमो॑ नादे॒याय॑ च॒ द्वीप्या॑य च॥३१॥

नमः॑। आ॒शवे॑। च॒। अ॒जि॒राय॑। च॒। नमः॑। शीघ्र्या॑य। च॒। शीभ्या॑य। च॒। नमः॑। ऊर्म्या॑य। च॒। अ॒व॒स्व॒न्या᳖येत्य॑वऽस्व॒न्या᳖य। च॒। नमः॑। ना॒दे॒याय॑। च॒। द्वीप्या॑य। च॒ ॥३१ ॥

ऋषिः - कुत्स ऋषिः

देवता - रुद्रा देवताः

छन्दः - स्वराडार्षी पङ्क्तिः

स्वरः - पञ्चमः

स्वर सहित मन्त्र

नम॑ऽआ॒शवे॑ चाजि॒राय॑ च॒ नमः॒ शीघ्र्या॑य च॒ शीभ्या॑य च॒ नम॒ऽऊर्म्या॑य चावस्व॒न्याय च॒ नमो॑ नादे॒याय॑ च॒ द्वीप्या॑य च॥३१॥

स्वर सहित पद पाठ

नमः॑। आ॒शवे॑। च॒। अ॒जि॒राय॑। च॒। नमः॑। शीघ्र्या॑य। च॒। शीभ्या॑य। च॒। नमः॑। ऊर्म्या॑य। च॒। अ॒व॒स्व॒न्या᳖येत्य॑वऽस्व॒न्या᳖य। च॒। नमः॑। ना॒दे॒याय॑। च॒। द्वीप्या॑य। च॒ ॥३१ ॥


स्वर रहित मन्त्र

नमऽआशवे चाजिराय च नमः शीघ्र्याय च शीभ्याय च नमऽऊर्म्याय चावस्वन्याय च नमो नादेयाय च द्वीप्याय च॥३१॥


स्वर रहित पद पाठ

नमः। आशवे। च। अजिराय। च। नमः। शीघ्र्याय। च। शीभ्याय। च। नमः। ऊर्म्याय। च। अवस्वन्या᳖येत्यवऽस्वन्या᳖य। च। नमः। नादेयाय। च। द्वीप्याय। च ॥३१ ॥