yajurveda/16/1

नम॑स्ते रुद्र म॒न्यव॑ऽउ॒तो त॒ऽइष॑वे॒ नमः॑। बा॒हुभ्या॑मु॒त ते॒ नमः॑॥१॥

नमः॑। ते॒। रु॒द्र॒। म॒न्यवे॑। उ॒तोऽइत्यु॒तो। ते॒। इष॑वे। नमः॑। बा॒हु॒भ्या॒मिति॑ बा॒हुऽभ्या॑म्। उ॒त। ते॒। नमः॑ ॥१ ॥

ऋषिः - परमेष्ठी वा कुत्स ऋषिः

देवता - रुद्रो देवता

छन्दः - आर्षी गायत्री

स्वरः - षड्जः

स्वर सहित मन्त्र

नम॑स्ते रुद्र म॒न्यव॑ऽउ॒तो त॒ऽइष॑वे॒ नमः॑। बा॒हुभ्या॑मु॒त ते॒ नमः॑॥१॥

स्वर सहित पद पाठ

नमः॑। ते॒। रु॒द्र॒। म॒न्यवे॑। उ॒तोऽइत्यु॒तो। ते॒। इष॑वे। नमः॑। बा॒हु॒भ्या॒मिति॑ बा॒हुऽभ्या॑म्। उ॒त। ते॒। नमः॑ ॥१ ॥


स्वर रहित मन्त्र

नमस्ते रुद्र मन्यवऽउतो तऽइषवे नमः। बाहुभ्यामुत ते नमः॥१॥


स्वर रहित पद पाठ

नमः। ते। रुद्र। मन्यवे। उतोऽइत्युतो। ते। इषवे। नमः। बाहुभ्यामिति बाहुऽभ्याम्। उत। ते। नमः ॥१ ॥