yajurveda/14/28
ऋषिः - विश्वदेव ऋषिः
देवता - ईश्वरो देवता
छन्दः - निचृद्विकृतिः
स्वरः - मध्यमः
एक॑या। अ॒स्तु॒व॒त॒। प्र॒जा इति॑ प्र॒ऽजाः। अ॒धी॒य॒न्त॒। प्र॒जाप॑ति॒रिति॑ प्र॒जाऽप॑तिः। अधि॑पति॒रित्यधि॑ऽपतिः। आ॒सी॒त्। ति॒सृभि॒रिति॑ ति॒सृऽभिः॑। अ॒स्तु॒व॒त॒। ब्रह्म॑। अ॒सृ॒ज्य॒त॒। ब्रह्म॑णः। पतिः॑। अधि॑पति॒रित्यधि॑ऽपतिः। आ॒सी॒त्। प॒ञ्चभि॒रिति॑ प॒ञ्चऽभिः॑। अ॒स्तु॒व॒त॒। भू॒तानि॑। अ॒सृ॒ज्य॒न्त॒। भू॒ताना॑म्। पतिः॑। अधि॑पति॒रित्यधि॑ऽपतिः। आ॒सी॒त्। स॒प्तभि॒रिति॑ स॒प्तऽभिः॑। अ॒स्तु॒व॒त॒। स॒प्त॒ऋ॒षय॒ इति॑ सप्तऋ॒षयः॑। अ॒सृ॒ज्य॒न्त॒। धा॒ता। अधि॑पति॒रित्यधि॑ऽपतिः। आ॒सी॒त् ॥२८ ॥
एकया। अस्तुवत। प्रजा इति प्रऽजाः। अधीयन्त। प्रजापतिरिति प्रजाऽपतिः। अधिपतिरित्यधिऽपतिः। आसीत्। तिसृभिरिति तिसृऽभिः। अस्तुवत। ब्रह्म। असृज्यत। ब्रह्मणः। पतिः। अधिपतिरित्यधिऽपतिः। आसीत्। पञ्चभिरिति पञ्चऽभिः। अस्तुवत। भूतानि। असृज्यन्त। भूतानाम्। पतिः। अधिपतिरित्यधिऽपतिः। आसीत्। सप्तभिरिति सप्तऽभिः। अस्तुवत। सप्तऋषय इति सप्तऋषयः। असृज्यन्त। धाता। अधिपतिरित्यधिऽपतिः। आसीत् ॥२८ ॥