yajurveda/12/68
ऋषिः - विश्वावसुर्ऋषिः
देवता - कृषीवलाः कवयो वा देवताः
छन्दः - विराडार्षी
स्वरः - धैवतः
यु॒नक्त॑। सीरा॑। वि। यु॒गा। त॒नु॒ध्व॒म्। कृ॒ते। योनौ॑। व॒प॒त॒। इ॒ह। बीज॑म्। गि॒रा। च॒। श्रु॒ष्टिः। सभ॑रा॒ इति॒ सऽभ॑राः। अस॑त्। नः॒। नेदी॑यः। इत्। सृ॒ण्यः᳖। प॒क्वम्। आ। इ॒या॒त् ॥६८ ॥
युनक्त। सीरा। वि। युगा। तनुध्वम्। कृते। योनौ। वपत। इह। बीजम्। गिरा। च। श्रुष्टिः। सभरा इति सऽभराः। असत्। नः। नेदीयः। इत्। सृण्यः᳖। पक्वम्। आ। इयात् ॥६८ ॥