yajurveda/11/82
ऋषिः - नाभानेदिष्ठ ऋषिः
देवता - सभापतिर्यजमानो देवता
छन्दः - विराडनुष्टुप्
स्वरः - गान्धारः
उत्। ए॒षा॒म्। बा॒हूऽइति॑ बा॒हू। अ॒ति॒र॒म्। उत्। वर्चः॑। अथो॒ऽइत्यथो॑। बल॑म्। क्षि॒णोमि॑। ब्रह्म॑णा। अ॒मित्रा॑न्। उत्। न॒या॒मि॒। स्वान्। अ॒हम् ॥८२ ॥
उत्। एषाम्। बाहूऽइति बाहू। अतिरम्। उत्। वर्चः। अथोऽइत्यथो। बलम्। क्षिणोमि। ब्रह्मणा। अमित्रान्। उत्। नयामि। स्वान्। अहम् ॥८२ ॥