yajurveda/10/23
ऋषिः - वामदेव ऋषिः
देवता - सूर्य्यो देवता
छन्दः - जगती,
स्वरः - निषादः
अ॒ग्नये॑। गृहप॑तय॒ इति॑ गृहऽप॑तये। स्वाहा॑। सोमा॑य। वन॒स्पत॑ये। स्वाहा॑। म॒रुता॑म्। ओज॑से। स्वाहा॑। इन्द्र॑स्य। इ॒न्द्रि॒याय॑। स्वाहा॑। पृथि॑वि। मा॒तः॒। मा। मा॒। हि॒ꣳसीः॒। मोऽइति॒ मो। अ॒हम्। त्वाम् ॥२३॥
अग्नये। गृहपतय इति गृहऽपतये। स्वाहा। सोमाय। वनस्पतये। स्वाहा। मरुताम्। ओजसे। स्वाहा। इन्द्रस्य। इन्द्रियाय। स्वाहा। पृथिवि। मातः। मा। मा। हिꣳसीः। मोऽइति मो। अहम्। त्वाम् ॥२३॥