yajurveda/10/22
ऋषिः - देवावात ऋषिः
देवता - अग्न्यादयो मन्त्रोक्ता देवताः
छन्दः - विराट् आर्षी त्रिष्टुप्,
स्वरः - धैवतः
मा। ते॒। इ॒न्द्र॒। ते। व॒यम्। तु॒रा॒षा॒ट्। अयु॑क्तासः। अ॒ब्र॒ह्मता॑। वि। द॒सा॒म॒। तिष्ठ॑। रथ॑म्। अधि॑। यम्। व॒ज्र॒ह॒स्ते॒ति॑ वज्रऽहस्त। आ। र॒श्मीन्। दे॒व॒। य॒म॒से॒। स्वश्वा॒निति॑ सु॒ऽअश्वा॑न् ॥२२॥
मा। ते। इन्द्र। ते। वयम्। तुराषाट्। अयुक्तासः। अब्रह्मता। वि। दसाम। तिष्ठ। रथम्। अधि। यम्। वज्रहस्तेति वज्रऽहस्त। आ। रश्मीन्। देव। यमसे। स्वश्वानिति सुऽअश्वान् ॥२२॥