ऋषिः - मधुच्छन्दाः
देवता - इन्द्रः
छन्दः - गायत्री
स्वरः - सूक्त-६८
स्वर सहित मन्त्रआ त्वेता॒ नि षी॑द॒तेन्द्र॑म॒भि प्र गा॑यत। सखा॑यः॒ स्तोम॑वाहसः ॥
स्वर सहित पद पाठ
स्वर रहित मन्त्रआ त्वेता नि षीदतेन्द्रमभि प्र गायत। सखायः स्तोमवाहसः ॥
स्वर रहित पद पाठ