ऋषिः -

देवता - प्रजापतिः

छन्दः - प्राजापत्या गायत्री

स्वरः - कुन्ताप सूक्त

स्वर सहित मन्त्र

पर्या॑गारं॒ पुनः॑पुनः ॥

स्वर सहित पद पाठ

परिऽआ॑गारम् । पुन॑:ऽपुन: ॥१३२.१२॥


स्वर रहित मन्त्र

पर्यागारं पुनःपुनः ॥


स्वर रहित पद पाठ

परिऽआगारम् । पुन:ऽपुन: ॥१३२.१२॥