ऋषिः -

देवता - प्रजापतिर्वरुणो वा

छन्दः - प्राजापत्या गायत्री

स्वरः - कुन्ताप सूक्त

स्वर सहित मन्त्र

अहु॑ल कुश वर्त्तक ॥

स्वर सहित पद पाठ

अह॑ल । कुश । वर्त्तक ॥१३१.६॥


स्वर रहित मन्त्र

अहुल कुश वर्त्तक ॥


स्वर रहित पद पाठ

अहल । कुश । वर्त्तक ॥१३१.६॥