ऋषिः -

देवता - प्रजापतिर्वरुणो वा

छन्दः - दैवी बृहती

स्वरः - कुन्ताप सूक्त

स्वर सहित मन्त्र

शक॑ ब॒लिः ॥

स्वर सहित पद पाठ

शक॑ । ब॒लि: ॥१३१.१३॥


स्वर रहित मन्त्र

शक बलिः ॥


स्वर रहित पद पाठ

शक । बलि: ॥१३१.१३॥