ऋषिः -

देवता - प्रजापतिः

छन्दः - याजुष्युष्णिक्

स्वरः - कुन्ताप सूक्त

स्वर सहित मन्त्र

देव॑ त्वप्रतिसूर्य ॥

स्वर सहित पद पाठ

देव॑ । त्वत्प्रतिसूर्य ॥१३०.१०॥


स्वर रहित मन्त्र

देव त्वप्रतिसूर्य ॥


स्वर रहित पद पाठ

देव । त्वत्प्रतिसूर्य ॥१३०.१०॥