atharvaveda/19/9/8

शं नो॒ भूमि॑र्वेप्यमा॒ना शमु॒ल्का निर्ह॑तं च॒ यत्। शं गावो॒ लोहि॑तक्षीराः॒ शं भूमि॒रव॑ तीर्य॒तीः ॥

शम्। नः॒। भूमिः॑। वे॒प्य॒मा॒ना। शम्। उ॒ल्का। निःऽह॑तम्। च॒। यत्। शम्। गावः॑। लोहि॑तऽक्षीराः। शम्। भूमिः॑। अव॑। ती॒र्य॒तीः ॥९.८॥

ऋषिः - ब्रह्मा

देवता - शान्तिः, मन्त्रोक्ताः

छन्दः - अनुष्टुप्

स्वरः - शान्ति सूक्त

स्वर सहित मन्त्र

शं नो॒ भूमि॑र्वेप्यमा॒ना शमु॒ल्का निर्ह॑तं च॒ यत्। शं गावो॒ लोहि॑तक्षीराः॒ शं भूमि॒रव॑ तीर्य॒तीः ॥

स्वर सहित पद पाठ

शम्। नः॒। भूमिः॑। वे॒प्य॒मा॒ना। शम्। उ॒ल्का। निःऽह॑तम्। च॒। यत्। शम्। गावः॑। लोहि॑तऽक्षीराः। शम्। भूमिः॑। अव॑। ती॒र्य॒तीः ॥९.८॥


स्वर रहित मन्त्र

शं नो भूमिर्वेप्यमाना शमुल्का निर्हतं च यत्। शं गावो लोहितक्षीराः शं भूमिरव तीर्यतीः ॥


स्वर रहित पद पाठ

शम्। नः। भूमिः। वेप्यमाना। शम्। उल्का। निःऽहतम्। च। यत्। शम्। गावः। लोहितऽक्षीराः। शम्। भूमिः। अव। तीर्यतीः ॥९.८॥