atharvaveda/19/37/2
ऋषिः - अथर्वा
देवता - अग्निः
छन्दः - आस्तारपङ्क्तिः
स्वरः - बलप्राप्ति सूक्त
वर्चः॑। आ। धे॒हि॒। मे॒। त॒न्वा᳡म्। सहः॑। ओजः॑। वयः॑। बल॑म्। इ॒न्द्रि॒याय॑। त्वा॒। कर्म॑णे। वी॒र्या᳡य। प्रति॑। गृ॒ह्णा॒मि॒। श॒तऽशा॑रदाय ॥३७.२॥
वर्चः। आ। धेहि। मे। तन्वा᳡म्। सहः। ओजः। वयः। बलम्। इन्द्रियाय। त्वा। कर्मणे। वीर्या᳡य। प्रति। गृह्णामि। शतऽशारदाय ॥३७.२॥