atharvaveda/19/36/3

ये यक्ष्मा॑सो अर्भ॒का म॒हान्तो॒ ये च॑ श॒ब्दिनः॑। सर्वा॑न् दुर्णाम॒हा म॒णिः श॒तवा॑रो अनीनशत् ॥

ये। यक्ष्मा॑सः। अ॒र्भ॒काः। म॒हान्तः॑। ये। च॒। श॒ब्दिनः॑। सर्वा॑न्। दु॒र्ना॒म॒ऽहा। म॒णिः। श॒तऽवा॑रः। अ॒नी॒न॒श॒त् ॥३६.३॥

ऋषिः - ब्रह्मा

देवता - शतवारः

छन्दः - अनुष्टुप्

स्वरः - शतवारमणि सूक्त

स्वर सहित मन्त्र

ये यक्ष्मा॑सो अर्भ॒का म॒हान्तो॒ ये च॑ श॒ब्दिनः॑। सर्वा॑न् दुर्णाम॒हा म॒णिः श॒तवा॑रो अनीनशत् ॥

स्वर सहित पद पाठ

ये। यक्ष्मा॑सः। अ॒र्भ॒काः। म॒हान्तः॑। ये। च॒। श॒ब्दिनः॑। सर्वा॑न्। दु॒र्ना॒म॒ऽहा। म॒णिः। श॒तऽवा॑रः। अ॒नी॒न॒श॒त् ॥३६.३॥


स्वर रहित मन्त्र

ये यक्ष्मासो अर्भका महान्तो ये च शब्दिनः। सर्वान् दुर्णामहा मणिः शतवारो अनीनशत् ॥


स्वर रहित पद पाठ

ये। यक्ष्मासः। अर्भकाः। महान्तः। ये। च। शब्दिनः। सर्वान्। दुर्नामऽहा। मणिः। शतऽवारः। अनीनशत् ॥३६.३॥