atharvaveda/19/22/5

ह॑रि॒तेभ्यः॒ स्वाहा॑ ॥

ह॒रि॒तेभ्यः॑। स्वाहा॑ ॥२२.५॥

ऋषिः - अङ्गिराः

देवता - मन्त्रोक्ताः

छन्दः - दैवी त्रिष्टुप्

स्वरः - ब्रह्मा सूक्त

स्वर सहित मन्त्र

ह॑रि॒तेभ्यः॒ स्वाहा॑ ॥

स्वर सहित पद पाठ

ह॒रि॒तेभ्यः॑। स्वाहा॑ ॥२२.५॥


स्वर रहित मन्त्र

हरितेभ्यः स्वाहा ॥


स्वर रहित पद पाठ

हरितेभ्यः। स्वाहा ॥२२.५॥