atharvaveda/19/22/4

नी॑लन॒खेभ्यः॒ स्वाहा॑ ॥

नी॒ल॒ऽन॒खेभ्यः॑। स्वाहा॑ ॥२२.४॥

ऋषिः - अङ्गिराः

देवता - मन्त्रोक्ताः

छन्दः - दैवी जगती

स्वरः - ब्रह्मा सूक्त

स्वर सहित मन्त्र

नी॑लन॒खेभ्यः॒ स्वाहा॑ ॥

स्वर सहित पद पाठ

नी॒ल॒ऽन॒खेभ्यः॑। स्वाहा॑ ॥२२.४॥


स्वर रहित मन्त्र

नीलनखेभ्यः स्वाहा ॥


स्वर रहित पद पाठ

नीलऽनखेभ्यः। स्वाहा ॥२२.४॥